** लक्ष्मणवंशी प्रतिहारों का शिलालेख **अग्निवंश
** लक्ष्मणवंशी प्रतिहारों का शिलालेख **अग्निवंश
मित्रों यह वो शिलालेख है जिसमे राजा मिहिरभोज प्रतिहार , राजा वत्सराज प्रतिहार, राजा बाउक प्रतिहार एवं राजा ककुक्क प्रतिहार को इच्छवाकु कुल का एवं सुमित्रा नंदन लक्ष्मण जी का वंशज बताया है। प्रतिहार इच्छवाकु कुल के सूर्यवंशी क्षत्रिय है और यह प्रमाणित है।।
कुछ विदेशी हठधर्मी है जो इन्हें बदनाम करने की साजिस कर रहे है। प्रतिहार क्षत्रियों ने अपने को कही भी और कभी भी गुर्जर मूल का नही माना है। यह केवल प्रतिहारो के दुश्मनों की सोची समझी चाल थी बदनाम करने की अगर कही भी लिखा मिला है
उसकी वजह है कि वह गुर्जरात्रा प्रदेष पर शासन किया और वहां के राजाओं को गुर्जराज और गुर्जरेश्वर की उपाधि मिली जैसे महाराष्ट्र में रहना वाला हर व्यक्ति मराठा नही है , बंगाल में रहने वाले हर व्यक्ति बंगाली नही होते। वैसे ही गुर्जरात्रा प्रदेष पर अनेक क्षत्रियों ने शासन किया जिसमे चावडा, सोलंकी, राठौड़,परमार, गोहिल, प्रतिहार तो क्या ये गुर्जर मूल के थे।सभी क्षत्रिय अलग अलग वंश के थे जिसमे प्रतिहार लक्ष्मणवंशी अर्थात सूर्यवंशी क्षत्रिय थे।
